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जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री चिकित्सा मंत्री को आक्रोशित लैब टेक्नीशियनो ने ज्ञापन सौंपा

जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री चिकित्सा मंत्री को आक्रोशित लैब टेक्नीशियनो ने ज्ञापन सौंपा

 जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री चिकित्सा मंत्री को आक्रोशित लैब टेक्नीशियनो ने ज्ञापन सौंपा 


पाली 

विभिन्न मांगो को लेकर सोमवार को समस्त जिलों से जांचों को  हब एवं स्पोक मॉडल द्वारा निजी हाथों में सौंपने और संवर्ग से संबंधित विसंगतियों एवं मांगों पर डेढ़ साल से की जा रही अनदेखी से आक्रोशित लैब टेक्निशियनों ने प्रदेश भर से जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन सौंपे गए। इसी संदर्भ में संघ के जिला अध्यक्ष डॉ रमेश राठौड़ एवं जिला संयोजक जोग सिंह राठौड़ के  नेतृत्व में सैकड़ों लेब टेक ने जिला कलेक्टर एल एन मंत्री को ज्ञापन सौंपा इस दौरान विरेंद्र वैष्णव वसना राम महामंत्री उगमा देवी प्रदेश प्रवक्ता धनसिंह राव नें बताया कि टेक्नीशियनो ने सरकार की निशुल्क जांच योजना को विश्व स्तरीय ख्याति प्राप्त कराई एवं  प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण जांच उपलब्ध कराई हैं और निरंतर करा रहे हैं । इस निशुल्क जांच योजना के मॉडल को देखने हेतु देश और विदेश के लोग राजस्थान पहुंचे थे। लेकिन आज जांचों को निजी हाथों में सौंपने से संवर्ग का भविष्य खत्म हो रहा है । जिन जांचों को निजी हाथों में सॏंपा गया है उनके लिए सरकार के पास पूरी मशीनरी से लेकर हर संसाधन वर्तमान में मौजूद हैं। ये सारी जांचे सरकारी क्षेत्र में प्रदेश भर में हो भी रही हैं । PHC, CHC से अगर कोई सुपर स्पेशलिटी जांच करानी है तो उसके लिए केवल जिला स्तर तक की ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था करनी है।जिसके लिए जांचों को निजी हाथों में सौंपा गया है। जबकि यह स्पष्ट है कि हब एंड स्पोक मॉडल दूसरे राज्यों में पूरी तरह से फेल हो चुका है। निशुल्क जांच योजना पूरी तरह सफल है। बेरोजगार अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि हब एंड स्पोक मॉडल से हमें पूरी जिंदगी  ठेका प्रथा में डालने की व्यवस्था की जा रही है। भविष्य में जो कार्मिक सेवानिवृत्त होंगे केवल उन्हीं पदों पर नियुक्ति होगी जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं । पड़ोसी राज्यों में इस मॉडल से ऐसा ही हो रहा है ।जिला अध्यक्ष डॉ  राठौड़ ने बताया कि विभाग में पदोन्नति जैसी प्रक्रियाएं तक नहीं हो रही हैं ।2022 के defer कार्मिकों का 9 माह से पदस्थापन तक अटका पड़ा है विभाग स्वयं FD, DOP, RPSC, RSSB, LAW सभी जगह से अनुमोदित पदनाम परिवर्तन का गजट नोटिफिकेशन नहीं होने दे रहा। यह पत्रावली 1 साल से विभाग स्वयं रोक कर बैठा है। दूसरे राज्यों में कम योग्यता के बावजूद लैब टेक्नीशियन को ग्रेड पे 4200 मिल रही है। वहीं राजस्थान में जहां दूसरे राज्य के मरीजों का भार भी प्रदेश के लैब टेक्निशियन के ऊपर है। ग्रेड पे  को नहीं बढ़ाया जा रहा 17 साल पूर्व 2008 का स्टाफिंग पैटर्न लागू है। आज पदों में एक भी पद की वृद्धि नहीं की जा रही प्रदेश भर के लैब टेक्नीशियन विभाग एवं सरकार के इस रवैये से आक्रोशित और असहाय नजर आ रहे हैं। आज जिला कलेक्टर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री माननीय चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन सॏंपा है।जिसमे  धर्मवीरसिंह करणसिंह अरुण वर्मा  विकास भाटी जीतेन्द्र राठौड़ अप्सरा जोया अभिषेक बोहरा विक्रम राकेश मनीष बूंदु खान सहित सैकड़ो संवर्ग कार्मिओ की उपस्थिति में ज्ञापन सौंपा। साथ ही ये चेतावनी दी गई कि यदि 10 दिनों में उक्त संदर्भ में कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा ।

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