विकास कार्य नहीं होने पर लोगों का हंगामा, मंत्री को बिना उद्घाटन किए लौटना पड़ा
पाली
पाली में कैबिनेट मंत्री की किरकरी हो गई । जब मंत्री गांव में विकास कार्यों में निष्क्रियता दिखाई ओर उसी गांव में कैबिनेट मंत्री जोराराम उद्घाटन करने पहुंच गए । पाली जिले के गुरलाई गांव में पंचायत भवन का उद्घाटन करने पहुंचे। इस दौरान कुछ लोगों ने गांव में विकास के काम नहीं होने और सड़कों पर कीचड़ फैला होने की समस्या बताई और मंत्री के सामने हंगामा कर दिया।मंत्री के साथ पहुंचे भाजपा नेता पुखराज पटेल ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद मंत्री जोराराम कुमावत पंचायत भवन का उद्घाटन किए बिना ही बैरंग लौट गए। मंत्री ने बताया कि ग्रामीणों को शिकायत थी कि गांव में सड़कों पर कीचड़ जमा है और विकास के काम भी नहीं हुए हैं। इस पर उनकी समस्या के समाधान के लिए तुरंत अधिकारियों को बोल दिया हैं। लेकिन उन्होंने जिस तरीके से समस्या बताई उनका तरीका सही नहीं था।दरअसल कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत शनिवार दोपहर को करीब 12.30 बजे गुरलाई गांव पहुंचे थे। मंत्री को यहां ग्राम पंचायत के नए भवन का उद्घाटन करना था। उद्घाटन की तैयारी चल रही थी। इस दौरान ग्रामीण प्रकाश चौकीदार किरण मीणा जबरसिंह के नेतृत्व में ग्रामीण पहुंच गए। उन्होंने मंत्री के सामने गांव की सड़कों पर कीचड़ फैला होने खेल मैदान गुरलाई की जगह काणतरा गांव में बनाने और गांव में विकास कार्य नहीं होने के आरोप लगाए।
उन्होंने मंत्री को समस्या बताने के बाद ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके कारण ग्राम पंचायत के नए भवन का उद्घाटन अटक गया। मंत्री के साथ पहुंचे भाजपा नेता पुखराज पटेल ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। ऐसे में मंत्री जोराराम कुमावत पंचायत भवन का उद्घाटन किए बिना ही वहां से चले गए।
गांव में 5 साल से नहीं हुए विकास के काम
एडवोकेट किरण कुमार मीणा ने आरोप लगाया की गुरलाई गांव में पिछले पांच साल से विकास के काम नहीं हुए। स्कूल की छत टपक रही है। खेल मैदान भी गुरलाई की जगह काणतरा गांव में बना दिया गया। सड़कों पर कीचड़ फैला हुआ है। मीणा ने कहा कि मंत्री गांव पहुंचे तो उनको समस्या बताई।
मंत्री बोले कुछ ग्रामीणों ने हंगामा किया
मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया की गुरलाई गांव के कुछ ग्रामीणों को शिकायत थी कि गांव में सड़कों पर कीचड़ जमा है और विकास के काम भी नहीं हुए हैं। इस पर उनकी समस्या का समाधान कराने के लिए तुरंत अधिकारियों को बोल दिया। लेकिन उन्होंने जिस तरीके से समस्या बताई, उनका तरीका सही नहीं था।