हंता वायरस से भारत को कितना खतरा? चीन में जा चुकी है एक शख्‍स की जान

हंता वायरस से भारत को कितना खतरा? चीन में जा चुकी है एक शख्‍स की जान

यह वायरस चूहों में पाया जाता है। इंसानों में इसके संक्रमण के वाकये दुर्लभ हैं क्‍योंकि सूरज की रोशन में आने के कुछ देर बात यह वायरस मर जाता है। एक इंसान से दूसरे इंसान में यह वायरस नहीं फैलता।

हंता वायरस से भारत को कितना खतरा? चीन में जा चुकी है एक शख्‍स की जानहंता वायरस से भारत को कितना खतरा? चीन में जा चुकी है एक शख्‍स की जान
हाइलाइट्स
  • नोवेल कोरोना वायरस के बाद चीन से सामने आया एक और वायरस
  • साल 2008 में तमिलनाडु में फैला था हंता वायरस
  • 2016 में मुंबई के एक बच्‍चे की भी हुई थी इससे मौत
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेफड़ों से होती है ब्‍लीडिंग
नई दिल्‍लीहंता वायरस ने चीन में सोमवार को एक व्‍यक्ति की जान ले ली। नोवेल कोरोना वायरस के बाद, इस वायरस के सामने आने के बाद अफरातफरी मच गई है। जो व्‍यक्ति इसका शिकार हुआ है, वह काम करने के लिए बस से शाडोंग प्रांत लौट रहा था। उसे हंता वायरस पॉजिटिव पाया गया था। बस में सवार 32 अन्‍य लोगों की भी जांच की गई है। चीन से मामला सामने आने के बाद सवाल उठता है कि क्‍या भारत को इससे कोई खतरा है?

जी हां। भारत में पहले भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। साल 2008 में तमिलनाडु के वेल्‍लोर जिले में हंता वायरस फैला था। तब इरुला समुदाय के 28 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए थे। यह लोग मुख्‍य रूप से सांप और चूहे पकड़ने वाले थे। 2016 में मुंबई में एक 12 साल के बच्‍चे की मौत इस बीमारी से हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके फेफड़ों से ब्‍लीडिंग हो रही थी। यह इस वायरस का एक प्रमुख लक्षण है।

यूं है फैलने का खतरायह वारयस इंसान से इंसान में नहीं फैलता मगर अगर कोई व्‍यक्ति चूहों के मल, पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसके हंता वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। अच्‍छी बात ये है कि सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के थोड़ी देर बाद यह वारयस नष्‍ट हो जाता है।

क्या है हंता वायरस, लक्षण और बचाव का उपाय जानिए तस्‍वीरों में
क्‍या है ये वायरस?सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, हंता वायरस, वायरसों की उस फैमिली के मेंबर्स हैं जो मुख्‍य रूप से चूहों से होते है। यह हन्ता वारयस पल्‍मोनरी सिंड्रोम (HPS) देता है, इसके अलावा हेमोरेजिक फीवर विद रेनल सिंड्रोम (HFRS) भी हो सकता है। यह बीमारी हवा में नहीं फैलती।

क्‍या हैं हंता वायरस के लक्षण?HPS के शुरुआती लक्षणों में थकान, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, चक्‍कर आना और पेट में दर्द शामिल है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो खांसी और सांस लेने में समस्‍या भी हो सकती है। यह बीमारी जानलेवा और CDC के मुताबिक, संक्रमित व्‍यक्तियों के मरने का आंकड़ा 38 प्रतिशत है। HFRS के शुरुआती लक्षण भी ऐसे ही हैं, मगर उससे लो ब्‍लड प्रेशर, एक्‍यूट शॉक और वस्‍कुलर लीकेज के अलावा किडनी फेल्‍योर भी हो सकता है। HPS इंसान से इंसान के बीच नहीं फैलता, मगर HFRS हो सकता है हालांकि यह बेहद दुर्लभ है।

हंता वायरस से मौत का मामला सामने आने के बाद, लोगों में चिंता बढ़ गई है। लोग ट्विटर पर लिख रहे हं कि अगर चीन के लोगों ने जानवरों को खाना बंद नहीं किया तो ऐसे मामले सामने आते रहेंगे।

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कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रहा भारतभारत में अब तक नोवेल कोरोनो वायरस के 503 केस सामने आ चुके हैं जिनमें से 9 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना के खतरे से निपटने के लिए देश के कई राज्यों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। कुछ जगहों पर लापरवाही की वजह से कर्फ्यू लगा दिया गया है।

DD RAFTAAR NEWS MEDIA

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